नमस्कार दोस्तों , एक्सपर्ट रिपोर्ट 11 में आपका स्वागत है। इस पेज में हम आपको Soyabean Rate सोयाबीन की लेटेस्ट रिपोर्ट के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे की इस वर्ष Soyabean Report 2023 में क्या कुछ बदलाव हुए है। इस रिपोर्ट में आपको अलग अलग राज्यों (हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब आदि) की सोयाबीन रिपोर्ट को मिलकर रिपोर्ट के बारे में बताया जायेगा –

सोयाबीन की बोवनी और मौसम का effet –

सोयाबीन की फसल फ़िलहाल पुरे भारत वर्ष में ठीक है कहि पर ज्यादा बारिश तो कहि अलप बारिश ने किसानो का सर दर्द किया हुआ है , फिर भी मौसम में हुए इन बड़े बदलाव को देखते हुए इस वर्ष सोयाबीन 2023 की फसल कुछ काम देखने को मिल सकती है।

 Soyabean Rate
SOYABEAN REPORT 2023

सोयाबीन(Soyabean Rate )का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा!

Soyabean Rate का न्यूनतम मूल्य खरीफ फसली वर्ष 2022-2023 में समर्थन मूल्य में 350 रुपये की बढ़ोत्तरी करके सोयाबीन की MSP 4300 रुपये/क्विंटल तय की गई है। बाजार में सोयाबीन सरकार द्वारा तय किये गए न्यूनतम समर्थन मूल्य 4300रुपए/क्विंटल के ऊपर 5000 -5100 रुपये चल रहा है।

खाद्य तेलों और सोया DOC की कीमतों में तेजी आने की संभावना

खाद्य तेलों और सोया DOC की कीमते फ़िलहाल सरकार के काबू में है परन्तु CHINA और खाड़ी देशो की डिमांड को देखते हुए और इंडियन सोयाबीन की फसल के अनुमान को देखा जाये तो सोयाबीन की फसल २०२३ में नए रिकॉर्ड बना सकती है।

सोपा सर्वे के अनुसार एमपी, राजस्थान और महाराष्ट्र में सोयाबीन फसल की स्थिति

सरकार के अनुसार सोयाबीन बिजाई क्षेत्रफल 125.39 लाख हेक्टेयर है जो पिछले साल यह 120.828 लाख हेक्टेयर था। सोपा का अनुमान है कि बिजाई 122.35 लाख हेक्टेयर पहुंची। देश में सोयाबीन उत्पादक अधिकांश क्षेत्रों में हाल ही में हुई व्यापक बारिश के बाद कुल मिलाकर फसल की स्थिति सामान्य है।

फसल को कोई बड़ा नुकसान नहीं। लगभग 15% क्षेत्रफल में 15-20 दिनों की लंबी शुष्क अवधि के कारण नमी की कमी और रेतीली मिट्टी में कुछ फसल को क्षति संभव है। सोयाबीन का कुल वास्तविक क्षेत्रफल पिछले वर्ष की तुलना में 6.85% अधिक। इस साल सोयाबीन की नई फसल के आने में पिछले साल की तुलना में 10 से 15 दिन की देरी होने की संभावना है। दाना छोटा, क्वालिटी ख़राब आ सकती है।

उच्च तापमान के कारण मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों (मंदसौर, नीमच, रतलाम, खंडवा, देवास, खरगोन और बड़वानी) में कीड़ों, कीटों और बीमारियों का हमला देखा गया, जिससे उपज में कुछ नुकसान हो सकता है। राजस्थान के कोटा, प्रतापगढ़, बारां, झालावाड़, बीड और महाराष्ट के ओरीमनाबाद, परभणी. नांदेड, अकोला, अमरावती और येवतमाल इन क्षेत्र में फसल पक रही है। लेकिन उपज प्रभावित होने की संभावना है। जल्दी बोई गई फसल पकने की अवस्था में है लेकिन फसल ठीक से विकसित नहीं हुई है दाने कम और फली का आकार छोटा है। अगस्त महीने में बारिश की कमी के कारण कुल क्षेत्र के 15% हिस्से में फसल को नुकसान हुआ। रेतीली मिट्टी वाली छेत्र में फसल अधिक प्रभावित होती दिख रही हैं। इन क्षेत्रों में फलियों का आकार छोटा और विकृत दिख रहा है।

आगे Soyabean Rate  में तेज़ी होगी या मंदी?

इस समय Soyabean Rate  तेज़ी से बढ़ता हुआ नज़र आ रहा। आगे इसका दाम तेज़ी से बढ़ने वाला है। पिछले कुछ महीनों से चल रहे अंतराष्ट्रीय खाद्य तेलों के संकट के कारण सोयाबीन की कीमत में काफी उछाल देखने को मिल सकता   है

खरीफ की बोवनी के पश्चात सभी की यह जानने की जिज्ञासा है कि आने वाले समय में सोयाबीन के भाव बढ़ेंगे या नहीं? इसको लेकर विशेषज्ञ बताते हैं कि वर्तमान में जहां एक और अमेरिका एवं भारत में सोयाबीन की बोवनी बड़ी है वहीं दूसरी ओर अमेरिका में सोयाबीन स्टाक भी गिर गया है। इसका असर भारतीय खाद्य तेल बाजारों पर भी देखने को मिल रहा है। विदेशों में आई तेजी के बाद इंदौर में सोया तेल में नीचे दामों अच्छी लेवाली आने के कारण सोया तेल के भाव में बढ़ोतरी होने लगी है, यही कारण है कि सोयाबीन का कारोबार करने वाले व्यापारी अब Soybean Price में भी तेजी आने की संभावना जताने लगे हैं।

 

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